स्टेनलैस स्टील को गर्म करने पर उसकी सतह पर रंगीन धब्बे क्यों पड़ जाते हैं?
स्टेनलैस स्टील को जंग लगने से बचाने के लिए मिश्र धातुओं से बनाया गया हैं। इसमें लोहे के अतिरिक्त कुछ अन्य तत्वों एव धातुओं की भी थोड़ी मात्रा मिलाई जाती हैं। इनमे क्रोमियम ,कार्बन ,निकेल तथा मोलीवडीनम प्रमुख हैं। जब स्टेनलैस स्टील के बर्तनो आदि को हवा में गर्म करते हैं तो स्टील की घटक धातुओं के ऑक्साइडों की एक बहुत पतली -सी परत उन पर बन जाती हैं ,जो प्रकाश के हस्तक्षेप से अलग अलग रंग उतपन कर देती हैं।
stainless steel vessel |
लेकिन इस तरह बनने वाले रंग इस बात पर निर्भर करते हैं कि ऑक्साइडों की परत कितनी मोटी बनी हैं और धातु को कितने तापक्रम तक गर्म किया गया हैं। सामान्यतः यदि 145 सेंटीग्रेड तक गर्म किया गया हैं तो पीले रंग के धब्बे बनते हैं। ठीक इसी तरह 350 सेंटीग्रेड पर हरे रंग के ,230 सेंटीग्रेड पर भूरे रंग के ,260 सेंटीग्रेड पर गुलाबी रंग के और 300 सेंटीग्रेड पर नीले रंग के धब्बे पड़ते हैं। इस तरह स्टेनलैस स्टील को गर्म करने पर उसकी सतह पर पड़ने वाले रंगीन धब्बे उसमे मिली घटकं धातुओं एवं तत्वों के ऑक्साइड की परत एवं गर्म करने वाले तापमान के अनुचार हरे ,पीले ,भूरे ,नीले अथवा गुलाबी आदि रंगो के बन जाते हैं।
stainless steel thermal expansion |
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