की बोर्ड के बटन अल्फाबेटिक (ABCD) सीरीज में क्यों नहीं होते हैं?
दोस्तों! आपने कभी न कभी की बोर्ड देखा ही होगा
चाहे वह कंप्यूटर का हो, या फिर मोबाइल में हो| उसमे आपने देखा होगा की जो की
बोर्ड हैं उसके बटन अल्फाबेटिक (ABCD) सीरीज में ना होकर आगे-पीछे हैं| ऐसा क्यों?
computer keyboard |
हेल्लो दोस्तों! मैं हूँ आकाश प्रजापत, चलिए बात
करते हैं आज के इसी ज्ञान पर|
की-बोर्ड:-
की बोर्ड कंप्यूटर का एक महत्वपूर्ण अंग हैं| जो की कंप्यूटर को इनपुट
प्रदान करता हैं मतलब कि कंप्यूटर को आदेश देता हैं|
दरअसल की बोर्ड टाइपराइटर का बदला हुआ रूप हैं|
टाइपराइटर को 1868 में लैथम शोल्स ने बनाया था| उस समय लैथम शोल्स ने टाइपराइटर के
बटनों को ABCD सीरिज में में रखा था| लेकिन इन बटनों की मदद से टाइपिंग (लिखना)
बड़ा कठिन था| तो इस कठिनाई को कम करने के लिए टाइपराइटर के बटनों में बदलाव किये
गये और सबसे पहले उन अक्षरों को चुना गया जो सबसे ज्यादा प्रयोग में आते हैं| इसके
बाद उन अक्षरों को उंगलियों की पहुच के हिसाब से क्रम में लगा दिया|
keyboard keys |
1873 में शोल्स ने एक नये तरीके से बटनों वाले
टाइपराइटर का निर्माण किया| शोल्स ने इस टाइपराइटर का नाम टाइपराइटर की पहली
पंक्ति के पहले 6 अक्षरों पर रखा जो की Q,W,E,R,T,Y (क्वर्टी) हैं| बाद में यह
मॉडल शोल्स से ‘रेमिग्टन एंड संस’ ने ख़रीदा और 1874 में रेमिग्टन ने कई और की
बोर्ड भी बाज़ार में उतारे और जब कंप्यूटर का विकास हुआ तो लोगों की सहूलियत को
देखते हुए कंप्यूटर में भी इसी की बोर्ड का प्रयोग किया गया| हालाँकि कंप्यूटर में
प्रयोग होने वाले की बोर्ड और टाइपराइटर में प्रयोग होने वाले बटनों में थोडासा
अंतर हैं|
दोस्तों! अब तो आप सभी जान ही गए होंगे की की
बोर्ड के बटन अल्फाबेटिक सीरीज में क्यों नही होते हैं|
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